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करीब एक दशक बाद फिर से बीएड और एमएड एक साल का होने जा रहा है. नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) की आम सभा की बैठकों में ड्रॉफ्ट रेगुलेशन 2025 को मंजूरी मिल गई है. करीब 10 साल पहले वर्ष 2024 में बीएड को दो साल का कर दिया गया था. साल 2015 में संसद में एक सवाल के जवाब में तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि 2014 के रेगुलेशन के तहत बीएड को योग शिक्षा और जेंडर स्टडी समेत नए मॉड्यूल के साथ रिवाइज किया गया था और 20 सप्ताह की इंटर्नशिप शुरू की गई थी.
एनसीटीई के चेयरमैन पंकज अरोड़ा ने कगहा कि एक साल का बीएड और एमएड प्रोग्राम शुरू करने का यह मतलब नहीं है कि दो साल का प्रोग्राम खत्म हो जाएगा. उन्होंने कहा कि एक वर्षीय एम.एड फुल टाइम और दो वर्षीय पार्ट टाइम होगा. पार्ट टाइम एमएड उन लोगों के लिए होगा, जो टीचर या एजुकेशन एडमिनिस्ट्रेटर हैं.
मसौदा नियमों के अनुसार, एक वर्षीय बी.एड. कार्यक्रम के लिए केवल वे ही पात्र होंगे जिन्होंने चार वर्षीय ग्रेजुएशन या पीजी किया है. अरोड़ा ने कहा कि यह उन लोगों के लिए उपलब्ध नहीं होगा जिन्होंने तीन वर्षीय स्नातक कार्यक्रम पूरा किया है, और ऐसे छात्रों के लिए दो वर्षीय बी.एड. कार्यक्रम जारी रहेगा.
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