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दिवाली को दीप और प्रकाश का पर्व भी कहा जाता है. आज के दिन लोग अपने घर के कोने कोने को दीपों से सजाते हैं. हर साल कार्तिक अमावस्या के दिन दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. दिवाली के दिन घर, ऑफिस, प्रतिष्ठान और दुकान में लोग लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति स्थापित कर पूजा अर्चना करते हैं. इस दिन शाम के वक्त लक्ष्मी पूजन का खास महत्त माना जाता है.
मुहूर्त के मुताबिक 31 अक्टूबर को दीपावली के दिन शाम 5 बजकर 36 मिनट से रात 8 बजकर 51 मिनट तक मां लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं.
इस बीच यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि पूजा स्थल पर दीपक को रखने से पहले उसका आसन ठीक प्रकार से बनाना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार, चावल, गोबर या धातु के आसन पर दीपक रखना उचित माना गया है. दूत के रूप में कार्य करने वाले दीपक का सम्मान करना हमारे कर्तव्य का भाग है. ग्रंथों में कहा गया है, जो देवता तक आपकी प्रार्थना पहुंचाता है, उसका निरादर नहीं करना चाहिए.
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