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महाकुंभ का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी 2025 को किया जा रहा है। सबसे पहले नागा साधु पवित्र त्रिवेणी घाट में पवित्र डुबकी लगा रहे हैं। इसके बाद अन्य भक्तों को संगम में डुबकी लगाने का मौका दिया जाएगा। 144 सालों के बाद लग रहे इस महाकुंभ में देश-विदेश से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु प्रयाग राज पहुंचे हैं। महाकुंभ में स्नान करने से पाप से मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति भक्तों को होती है।
अब तक शैव संप्रदाय के सभी 7 अखाड़ों के संन्यासियों का अमृत स्नान हो चुका है। सबसे पहले शुरुआत महानिर्वाणी अखाड़े से हई। उसके बाद अटल, निरंजनी और आनंद अखाड़ों के साधु सन्यासियों ने त्रिवेणी में डूबकी लगाई। इसके साथ ही सबसे बड़े जूना अखाड़े के संतों ने भी संगम में डूबकी लगाई है। जूना अखाड़े के साथ ही किन्नरों संतों ने अमृत स्नान किया। अब वैष्णव यानि बैरागी संप्रदाय से जुड़े अखाड़ों की बारी है, प्रयागराज में पहले अमृत स्नान के दिन सुबह 10 बजे तक लगभग 1 करोड़ 38 लाख लोगों ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई।
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