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यूपीआई पेमेंट ऑप्शन के तौर पर कैश की जगह बड़ी तेजी से ली है। ई-रिक्शा से लेकर मेट्रो ट्रेन और सब्जी की दुकानों तक पेमेंट के लिए अब UPI ही प्रमुख विकल्प बन गया है। यूपीआई ने डिजिटल ट्रांजेक्शन को आसान और सुरक्षित बनाने के लिए नियमों में एक बड़ा बदलाव किया है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) 1 फरवरी से ऐसे ट्रांजेक्शन को ब्लॉक करने जा रही है जो यूपीआई आईडी (UPI ID) में स्पेशल कैरेक्टर का इस्तेमाल करते हैं। NPCI ने इसके बारे में सर्कुलर जारी करके जानकारी दी है कि 1 फरवरी से स्पेशल कैरेक्टर्स से बनी ID वाले ट्रांजेक्शन एक्सेप्ट नहीं किए जाएंगे। यूजर्स केवल अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर्स से बनी आईडी के माध्यम से ही पेमेंट कर सकते हैं।
स्पेशल कैरेक्टर्स और अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर्स वाली आईडी में क्या है फर्क?
यदि आप भी किसी ऐसे UPI ऐप का उपयोग कर रहे हैं, जो ट्रांजेक्शन आईडी में स्पेशल कैरेक्टर्स (उदाहरण के लिए- @, #, $, ! आदि) का उपयोग करता है, तो ट्रांजेक्शन को सेंट्रल सिस्टम द्वारा रिजेक्ट कर दिया जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) UPI ट्रांजेक्शन आईडी जनरेशन प्रक्रिया को मानकीकृत (standardise) करना चाहता है और इसी कारण सभी पेमेंट इकोसिस्टम प्लेयर्स से केवल ‘अल्फान्यूमेरिक’ कैरेक्टर्स का उपयोग करने की अपील की है।
स्पेशल कैरेक्टर्स वाली आईडी- upi@2345!67890#ab$cd
अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर्स वाली आईडी- upi1234cbdc67899
इस उदाहरण में, पहली ट्रांजेक्शन आईडी में @,#,! जैसे स्पेशल कैरेक्टर्स है, इस कारण से यह आईडी अमान्य (invalid) है। वहीं, दूसरी ट्रांजेक्शन आईडी मान्य (Valid) है क्योंकि इसमें केवल अक्षर और संख्याएं शामिल हैं।
NPCI ने 9 जनवरी को जारी एक सर्कुलर में कहा, “हम इकोसिस्टम के साथ मिलकर अनुपालन में सुधार पर काम कर रहे हैं। हालांकि यह समस्या काफी हद तक हल हो चुकी है, लेकिन देखा गया है कि कुछ प्रतिभागी अब भी अनुपालन नहीं कर रहे हैं। विनिर्देशों के अनुपालन की महत्ता को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि UPI ट्रांजेक्शन आईडी में किसी भी विशेष अक्षर (special characters) की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि किसी ट्रांजेक्शन की आईडी में विशेष अक्षर होंगे तो उसे सेंट्रल सिस्टम द्वारा अस्वीकार कर दिया जाएगा। यह नियम 1 फरवरी 2025 से प्रभावी होगा।”
दैनिक लेनदेन के लिए यूपीआई के उपयोग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। दिसंबर 2024 के आंकड़ों के अनुसार, यूपीआई लेनदेन 16.73 अरब के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। यह नवंबर में हुए कुल लेनदेन से 8% ज्यादा है।
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